दुनिया के 10 सबसे पुराने गाने: इतिहास की धुनों की अनकही कहानियाँ

आज हम Spotify या YouTube पर लाखों गाने सुनते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया का सबसे पुराना गाना कौन-सा है? कैसी थी हज़ारों साल पहले की धुनें, और कैसे उन्हें संरक्षित किया गया? इस लेख में, हम इतिहास के उन 10 गीतों की खोज करेंगे जो मानव सभ्यता के सबसे पुराने संगीत अध्याय हैं। ये गाने मिट्टी की पट्टियों, पत्थरों, और प्राचीन ग्रंथों में दर्ज हैं, जो हमें बताते हैं कि संगीत ने कैसे इंसानी भावनाओं को सदियों से जोड़ा है। चलिए, इन धुनों के साथ समय यात्रा पर निकलते हैं!


1. हुर्रियन हाइमन नंबर 6 (1400 BCE)

इतिहास:

  • खोज: सीरिया के उगारिट शहर से मिली मिट्टी की पट्टियों पर यह गीत लिखा हुआ है।
  • संस्कृति: हुर्रियन सभ्यता, जो प्राचीन मेसोपोटामिया का हिस्सा थी।

संगीतमय विशेषताएँ:

  • भाषा: हुर्रियन भाषा में लिखा यह गीत देवी निक्कल को समर्पित है।
  • स्वरलिपि: यह दुनिया की सबसे पुरानी स्वरलिपि मानी जाती है, जिसे 1972 में डिकोड किया गया।
  • सुनने का अनुभव: YouTube पर इसकी रिकंस्ट्रक्शन उपलब्ध है।

2. सेइकिलोस का शिलालेख (1st Century CE)

इतिहास:

  • खोज: 1883 में तुर्की में मिला यह संगीतमय शिलालेख एक कब्र पर लिखा था।
  • मकसद: सेइकिलोस नामक व्यक्ति ने अपनी पत्नी युटर्पे की याद में यह गीत बनाया।

संगीतमय विशेषताएँ:

  • भाषा: प्राचीन ग्रीक।
  • स्वरलिपि: ग्रीक संगीत अंकन प्रणाली में लिखा गया।
  • प्रसिद्ध पंक्ति: “जब तक जीवन है, आनंद लो, दुख के लिए समय नहीं।”

3. डेल्फी के भजन (128 BCE)

इतिहास:

  • उत्पत्ति: यूनान के डेल्फी मंदिर में सूर्य देव अपोलो को समर्पित यह भजन गाया जाता था।
  • खोज: 1893 में मंदिर के खंडहरों से मिले पत्थरों पर स्वरलिपि अंकित थी।

संगीतमय विशेषताएँ:

  • वाद्य यंत्र: लायर (वीणा) के साथ गाया जाता था।
  • रचना: इसमें दो भजन शामिल हैं—एथेनियस और लिमेनियस द्वारा रचित।

4. मिस्र का “वाक़-वाक़” गीत (13th Century BCE)

इतिहास:

  • उत्पत्ति: प्राचीन मिस्र में फ़ैरोह के दरबार में गाया जाने वाला यह गीत मृतकों के सम्मान में बनाया गया।
  • स्रोत: पपीरस की पट्टियों पर हायरोग्लिफ़िक्स में लिखा हुआ।

संगीतमय विशेषताएँ:

  • थीम: यह गीत मृत्यु के बाद के जीवन और पुनर्जन्म की अवधारणा को दर्शाता है।

5. ऋग्वेद के मंत्र (1500–1200 BCE)

इतिहास:

  • स्रोत: ऋग्वेद के मंत्रों को सामवेद में संगीतमय रूप दिया गया।
  • प्रयोग: यज्ञों में इन्हें विशेष सुरों में गाया जाता था।

संगीतमय विशेषताएँ:

  • स्वर: तीन सुरों (उदात्त, अनुदात्त, स्वरित) में गायन।
  • उदाहरण: गायत्री मंत्र को संगीतमय ढंग से गाने की परंपरा आज भी जीवित है।

6. चीनी “जियान्ज़ी पु” गीत (7th Century BCE)

इतिहास:

  • खोज: चीन के हेनान प्रांत में मिली कांस्य घंटियों पर यह गीत अंकित है।
  • संस्कृति: झोउ राजवंश काल का यह गीत राजकीय समारोहों में गाया जाता था।

संगीतमय विशेषताएँ:

  • स्वरलिपि: प्राचीन चीनी संगीत अंकन प्रणाली “गोंगचे पु” में लिखा गया।

7. मेसोपोटामिया का “लव सॉन्ग” (2000 BCE)

इतिहास:

  • खोज: इराक से प्राप्त मिट्टी की पट्टियों पर यह प्रेम गीत लिखा मिला।
  • थीम: यह गीत देवी इनन्ना और दुमुज़िद के प्रेम प्रसंग को दर्शाता है।

संगीतमय विशेषताएँ:

  • भाषा: सुमेरियन।
  • वाद्य यंत्र: लायर और ढोल का प्रयोग।

8. यहूदी “बाइबिल के स्तोत्र” (1000–500 BCE)

इतिहास:

  • स्रोत: ओल्ड टेस्टामेंट में संग्रहीत स्तोत्र (Psalms) डेविड राजा द्वारा रचित माने जाते हैं।
  • प्रयोग: ये गीत यरूशलेम के मंदिर में गाए जाते थे।

संगीतमय विशेषताएँ:

  • स्वर: हिब्रू भाषा में गाए जाने वाले इन गीतों में तालियों और नृत्य का प्रयोग होता था।

9. ग्रीक “एपिग्राम” (2nd Century CE)

इतिहास:

  • खोज: यूनान में मिले इस शिलालेख पर संगीत अंकित है।
  • थीम: यह गीत प्रकृति और मौसम की सुंदरता का वर्णन करता है।

संगीतमय विशेषताएँ:

  • स्वरलिपि: प्राचीन ग्रीक संगीत प्रणाली में लिखा गया।

10. भारतीय “पाणिनीय शिक्षा” (500 BCE)

प्राचीन भारतीय संगीत के रहस्य: वेदों से विज्ञान तक की गूँज

इतिहास:

  • स्रोत: संस्कृत व्याकरणाचार्य पाणिनि ने इन स्वरों का वर्णन किया।
  • प्रयोग: वैदिक मंत्रों के उच्चारण के लिए संगीतमय नियम बनाए।

संगीतमय विशेषताएँ:

  • स्वर: उच्चारण के 3 स्वर (उदात्त, अनुदात्त, स्वरित) जो आधुनिक सप्तक का आधार बने।

निष्कर्ष

ये गाने सिर्फ़ धुनें नहीं, बल्कि इंसानी इतिहास के पन्ने हैं। इन्हें सुनकर हमें पता चलता है कि प्रेम, भक्ति, और जीवन के सवाल हज़ारों साल पहले भी वैसे ही थे जैसे आज हैं। यही कारण है कि ये गाने मानवता की धरोहर के लिए महत्वपूर्ण हैं!

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