भक्ति संगीत और उसका विकास: भाव से विश्वास तक की यात्रा
जब मीराबाई ने “मेरे तो गिरिधर गोपाल दूसरो न कोई…” गाया या कबीर ने “घट-घट में बैठा राम…” का उद्घोष किया, तो उन्होंने न सिर्फ़ भक्ति संगीत को जन्म दिया, बल्कि भारत की आध्यात्मिक चेतना को एक नई दिशा दी। भक्ति संगीत सिर्फ़ धार्मिक गीत नहीं, बल्कि सामाजिक क्रांति, सांस्कृतिक एकता, और मानवीय भावनाओं का […]
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